Starlink Introduction
भारत में डिजिटल क्रांति को और गति देने के लिए एलन मस्क की कंपनी Starlink को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा प्रदान करने की अनुमति मिल गई है। यह मंजूरी देश के दूरदराज और सेवा-वंचित क्षेत्रों में उच्च गति इंटरनेट सेवा पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
Starlink क्या है?
Starlink, स्पेसएक्स (SpaceX) की एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में हजारों छोटे उपग्रहों का एक नेटवर्क बनाकर वैश्विक स्तर पर उच्च गति इंटरनेट सेवा प्रदान करना है। इस प्रणाली के माध्यम से, दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में भी विश्वसनीय और तेज़ इंटरनेट कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी।

भारत में Starlink की मंजूरी
भारतीय दूरसंचार विभाग (DoT) ने Starlink को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस प्रदान किया है। इससे पहले, Eutelsat की OneWeb और Reliance Jio को भी इसी प्रकार की मंजूरी मिल चुकी है। Starlink को यह लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लगभग तीन वर्षों का इंतजार करना पड़ा, लेकिन अब यह कंपनी भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है।

सेवाओं की शुरुआत और योजनाएं
Starlink की सेवाएं 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में भारत में शुरू होने की संभावना है। कंपनी की योजना है कि वह अपनी सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगी, जिसमें पहले चरण में शहरी क्षेत्रों में 600-700 Gbps की बैंडविड्थ के साथ 30,000 से 50,000 ग्राहकों को सेवा प्रदान की जाएगी। 2027 तक, यह क्षमता 3 Tbps तक बढ़ाने की योजना है।

मूल्य निर्धारण और हार्डवेयर लागत
Starlink की मासिक योजनाएं लगभग ₹850 ($10) से शुरू हो सकती हैं, जो कि अमेरिकी कीमतों ($120) की तुलना में काफी कम है। हालांकि, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त शुल्क, जैसे ₹500 प्रति शहरी ग्राहक, सेवाओं की कुल लागत को प्रभावित कर सकते हैं।
हार्डवेयर की लागत लगभग ₹29,700 होने की संभावना है, जिसमें Starlink किट शामिल है। प्रीमियम डाइरेक्ट-टू-कंज्यूमर मॉडल में, उपयोगकर्ताओं को लगभग ₹50,000 में व्यक्तिगत ग्राउंड स्टेशन प्रदान किया जाएगा।

भागीदारी और वितरण
Starlink ने भारत में अपनी सेवाओं के वितरण के लिए Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea जैसे प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटरों के साथ भागीदारी की है। इन साझेदारियों के माध्यम से, Starlink अपने उपकरणों और सेवाओं को भारतीय बाजार में तेजी से उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।
चुनौतियां और नियामक आवश्यकताएं
सेवाओं की शुरुआत से पहले, Starlink को भारतीय अंतरिक्ष नियामक से अतिरिक्त मंजूरी प्राप्त करनी होगी, स्पेक्ट्रम आवंटन सुनिश्चित करना होगा, ग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना होगा, और सुरक्षा परीक्षणों को पूरा करना होगा। यह प्रक्रिया कुछ महीनों तक चल सकती है।
इसके अलावा, भारतीय टेलीकॉम कंपनियों ने प्रस्तावित 4% वार्षिक राजस्व शुल्क को चुनौती दी है, यह कहते हुए कि यह सैटेलाइट इंटरनेट प्रदाताओं को अनुचित लाभ प्रदान करता है। सरकार ने स्पेक्ट्रम आवंटन के मुद्दे पर एलन मस्क के दृष्टिकोण का समर्थन किया है, जिससे Starlink को लाभ हो सकता है।

भारत में Starlink का प्रभाव
Starlink की सेवाएं भारत के दूरदराज और सेवा-वंचित क्षेत्रों में उच्च गति इंटरनेट सेवा प्रदान करके डिजिटल डिवाइड को कम करने में मदद करेंगी। यह शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देगा।
Conclusion
Starlink की भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की मंजूरी देश के डिजिटल परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पहल भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को साकार करने में सहायक होगी और देश के नागरिकों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।